एसएलआरएम सेंटरों में कचरा छटाई के नाम पर लीपापोती

 

भिलाई। रिसाली निगमके एसएलआरएम में कचरा छटाई के नाम पर लीपापोती और केवल खाना पूर्ति किया जा रहा है। गीला और सूखा कचरा को अलग अलग कर उसे डिस्पोज करने के एवज में निगम से मोटी रकम लेने के मामले में कार्यवाही शुरू हो गई। रिसाली निगम आयुक्त मोनिका वर्मा ने मेसर्स रविन्द्र भगत के भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश दिए है। ठेकेदार मानव संसाधन में भी कटौती कर रखा है। शहर के विभिन्न वार्डो से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर एस एल आर एम में कचरा छटाई करने का दावा करना खोखला साबित हुआ। निगम आयुक्त पिछले 15 दिनों से अलग अलग वार्ड में दौरा कर रही है।

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से लेकर कचरा डंप करने वाले स्थान पर नजर रख रही थी। मंगलवार को उन्होंने फिर से वार्डो की भ्रमण की और पाया कि अघोषित ट्रेचिंग ग्राउंड में वही कचरा फेका जा रहा है जो एस एल आर एम सेंटर में एक किनारे छटाईं के लिए रखा जाता है। ठेकेदार की इस हरकत को देख आयुक्त ने भुगतान रोकने आदेश दिए है। 15 कर्मचारी की जगह केवल 5 लगातार निरीक्षण में आयुक्त ने पाया कि कचरा छटाई कार्य में हर रोज 15 से 20 कर्मचारियों की आवश्यकता है, लेकिन ठेकेदार महज 5 से 6 कर्मचारी से कार्य ले रहा है। पालीथीन जैसे अन्य वस्तु को भी अलग करने खानापूर्ति की जा रही है।

यहां कचरा छटाई केवल खाना पूर्ति मेसर्स रविंद्र भगत निगम क्षेत्र के रूआबांधा, मरोदा, पुरैना और डुंडेरा में बने एस आल एल आर एम सेंटर को ठेके पर लिया है। जहां कचरा पृथक कर गीला से खाद और सूखा को अलग अलग कर विनिष्टि करण का कार्य करना है। यहां केवल खाना पूर्ति किया जा रहा है। आयुक्त ने कहा डोर टू डोर में पहले निगरानी ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश देने के बाद आयुक्त ने दोपहर एक बजे कर्मचारियों की मीटिंग बुलवाई। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक कर्मचारी शहर को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। डोर टू डोर कलेक्शन की निगरानी करे। ताकि छटाई कार्य बेहतर हो।


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