मृदा परीक्षण के लिए स्व-सहायता समूह की दीदियों को मिला प्रशिक्षण

दंतेवाड़ा । दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिला एक जैविक जिला के रूप में विकसित है, क्योंकि यहां के कृषक अधिकतम जैविक कृषि करते हैं। जिससे साग-सब्जियों की अधिक पैदावार होती है और साग-सब्जियों में किसी प्रकार की कोई रासायनिक खाद नहीं डाली जाती है। इसके साथ ही यहां के कृषक अपने खेती में अपने द्वारा बनाए गए या शासन से प्राप्त उर्वरक खाद का निर्माण करते हैं और अपने खेतों में इस्तेमाल भी अच्छे तरीके से करते हैं।

इस कड़ी में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार तथा जिला पंचायत सीईओ कुमार बिश्वरंजन के मार्गदर्शन से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत विकासखंड गीदम में स्व-सहायता समूह की दीदीयों का मृदा परीक्षण प्रयोगशाला हारम विकासखंड गीदम के प्रशिक्षकों द्वारा 02 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें मिट्टी परीक्षण से संबंधित जानकारियां विभाग के द्वारा दी जा रही है और इस प्रशिक्षण में स्व-सहायता समूह की महिलाएं, कृषि मित्र बड़े ही उत्साह के साथ मिट्टी प्रशिक्षण प्रक्रिया को समझने का प्रयास कर रहे है। इसके अलावा प्रशिक्षण में मिट्टी की गुणवत्ता व उर्वरक शक्ति बढ़ाने हेतु प्रेरित किया गया और अपनी खेत की मिट्टी के अनुकूल फसल उगाने के लिए भी स्व सहायता समूह की दीदियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।


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