खुशखबरी! इस इलाके में मानसून ने दे दी दस्तक

 

नई दिल्ली। दिल्ली सहित समूचा उत्तर भारत भीषण तपिश का शिकार है. कई इलाकों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. ऐसे में लोग अब बेसब्री से बारिश का इंतजार करने लगे हैं. लेकिन, मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली, हरियाणा, यूपी, बिहार सहित पूरे उत्तर भारत में लोगों को अभी इस तपिश से राहत पाने के लिए लंबा इंतजार करना होगा. रविवार को एक बार फिर दिल्ली के कई इलाकों में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया.

खैर, इस तपिश के बीच देश के कुछ इलाकों में मानसून से दस्तक दे दी है. वहां झमाझम बारिश हो रही है. कुछ अन्य इलाकों में प्री-मानसूनी बारिश भी शुरू हो गई है. वहां लोग अब चिल मारने लगे हैं. मौसम विभाग के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रविवार को देश के दक्षिणी छोर निकोबार द्वीप पर दस्तक दे दी.

जमकर हो रही बारिश

भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून रविवार को मालदीव के कुछ हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र और दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है. मानसून के 31 मई तक केरल पहुंच जाने की उम्मीद है. देश के मैदानी इलाकों में केरल के रास्ते ही मानसून की एंट्री होती है.

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 150 साल में केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख व्यापक रूप से अलग-अलग रही है. केरल में मानसून सबसे देरी से 1972 में 18 जून को और सबसे पहले 1918 में 11 मई को पहुंचा था. मानसून पिछले साल आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को और 2020 में एक जून को दक्षिणी राज्य में पहुंचा था. आईएमडी ने पिछले महीने ला नीना की अनुकूल स्थितियों के कारण सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया था. ला नीना की स्थितियां भारत में मानसून के दौरान अच्छी बारिश में मदद करती हैं.

कोंकण में भारी बारिश

देश के दक्षिणी हिस्से में बसे कई द्वीपों पर मानसून के दस्तक देने के साथ कई तटीय इलाकों में प्री-मानसूनी बारिश शुरू हो गई है. कोंकण और विदर्भ के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. बादल फटने जैसी बारिश के कारण मुंबई-गोवा हाईवे पर पानी भर गया था. विदर्भ का बुलढाणा जिले में भी बेमौसम बारिश की चपेट में है. लोनार तालुका के कई गांवों में तूफानी हवाओं के साथ बारिश हुई. तेज हवाओं के कारण कई इलाकों में टीन की चादरें उड़ गईं. अमरावती मड्डी घाटी में भी तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई है. इस बारिश से प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है. पिंपरी चिंचवड़ में भी शाम को बारिश हुई. पिंपरी चिंचवडकरों को गर्मी से कुछ राहत मिली है.


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