विशेष लेख : श्रीमंत विक्रमादित्य सिंह जूदेव जी से खास बात चीत

   


श्रीमंत विक्रमादित्य सिंह जूदेव जशपुर राजपरिवार से है। इनका जन्म 7 जून 1972 को पूरी उड़ीसा में हुआ। आपकी प्रारंभिक शिक्षा वनवासी कल्याण आश्रम से हुई। जिसके संस्थापक इनके दादा राजऋषि महामहिम श्री विजय भूषण सिंह जूदेव पूर्व सांसद रायगढ़ लोकसभा है । श्रीमंत बताते है इनके जीवन में इनके दादा जी का विशेष प्रभाव रहा । उनसे काफी कुछ सीखा और उनके सपने को साकार करने के लिए वे सदैव कार्यरत है। आगे वे बताते है की बिशप कॉन्वेंट स्कूल नामकुम रांची से आगे उन्होंने शिक्षा हासिल की। उसके बाद राजकुमार कॉलेज रायपुर में पढ़ाई की।



जशपुर राजपरिवार में जन्मे विक्रमादित्य सिंह जूदेव अपने बेबाकी अंदाज के लिए जाने जाते है। हिन्दुओं के कल्याण के लिए वे समर्पित भाव से कार्य करते है। इनका मानना है कि सभी हिंदुओ को एक जुट होकर अपने धर्म के विकास और उत्थान के लिए कर्तव्य निभाना चाहिए। 



 श्रीमंत विक्रमादित्य सिंह जशपुर राजपरिवार के राजऋषि महामहिम श्री विजय भूषण सिंह जूदेव एवम राजमाता श्रीमती जया कुमारी जूदेव के पोते है। इनके पिता युवराज श्री उपेन्द्र सिंह जूदेव एवम माता राजमाता श्रीमती मोहनी देवी हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती जया सिंह जूदेव बेटा राजकुमार विजय आदित्य सिंह जूदेव जो बजरंगदल में सक्रिय होकर कार्य कर रहे है। इनके दो बेटियां विजयाराजलक्ष्मी जूदेव और ऐश्वर्या राज जूदेव है।


आगे वे बताते है इनके पिता का स्वर्गवास अल्प आयु में हो गया था जब विक्रमादित्य सिंह जूदेव 4 माह के थे। राजपरिवार से होते हुए भी श्रीमंत आम जनमानस से काफी सहजता से मिलते है उनसे बात चीत करते है और उनकी समस्या को सुनकर उसका निदान करने के लिए कार्य करते हैं ।



 उनका कहना है कि जशपुर क्षेत्र ही नही पूरे विश्व के जनता को धर्मांतरण से बचाने के लिए वे सदैव कार्यरत रहते है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जाकर उन्होंने धर्मांतरण रोकने के लिए कार्य किया । इनका मानना है की भोली भाली जनता को आर्थिक प्रलोभन देकर दूसरे धर्म में शामिल होने विवश किया जाता है जिसका वे विरोध करते है। और लगातार धर्मांतरण को रोकने के लिए वे प्रयास रत रहते हैं । लोगों को समझाते है की अपने धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म को न अपनाए। 



श्रीमंत का कहना है कि धर्मांतरण का मुद्दा किसी व्यक्ति विषेश का मुद्दा नहीं है। उन्होंने Edition today.in के माध्यम से कहा कि प्रत्येक हिंदुओ को एक जुट होकर हिंदू धर्म की रक्षा करना चाहिए । जो भी हिंदुओं और हिंदुत्व को तोड़ने का प्रयास करेगा उसे मुंह तोड़ जवाब मिलेगा । जो भी पाखंडी षड्यंत्र करके जनता की भावना को ठेस पहुंचाने का कार्य करते है वे उसका पुरजोर विरोध करते है । उन्होंने सरकार से भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की बात कही है। ताकि आदिवासी क्षेत्रों में और जहा भी लोगो को बहला फुसला कर प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया जा रहा है। इस पर सरकार तत्काल कार्यवाही करे ।



श्रीमंत अपने काका स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव जी को अपना आदर्श मानते है वे कहते है की स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी ने जशपुर की जनता के विकास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया । उनके ही बताए मार्ग पर चलते है। उनके साथ कार्यक्रमों में वे जाते रहे। आपने जशपुर के विकास के लिए बहुत से कार्य किए जब भी उन्हे अवसर मिला वे जन कल्याण के कार्यों में शामिल हुए । जशपुर में लंबे समय से चल रही रेलवे लाइन की मांग के लिए भी आपने संघर्ष किया आंदोलन में भाग में लिया। और सभी जशपुर राजपरिवार के साथ मिलकर और जनता के साथ मिलकर जो प्रयास किया उसका ही परिणाम है की वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी के द्वारा जशपुर में सालो के बाद रेलवे का कार्य जल्द ही किया जाएगा।

श्रीमंत विक्रमादित्य सिंह जूदेव श्री अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष है। जो देश के 16 प्रदेशो में कार्यरत है। जिसके राष्ट्रीय संरक्षक जानेमाने रेशलर खली द ग्रेट है। जिसमे बहुत से बड़े लोकप्रिय लोग सदस्य है। इनके द्वारा लगातार लोक कल्याण के लिए कार्य किया जा रहा है।

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