धमतरी। कलेक्टर नम्रता गांधी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक ली। उन्होंने शासन की योजना के क्रियान्वयन और राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति सहित राजस्व के कामकाज की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए, जिससे आमजन को राजस्व संबंधी प्रकरणों के लिए बार-बार कार्यालय न आना पड़े। कलेक्टर सुश्री गांधी ने कार्यक्षेत्र में आ रही बाधाओं के समाधान के संबंध में भी विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर जीआर मरकाम, संयुक्त कलेक्टर रामकुमार कृपाल सहित सभी एसडीएम और तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।
बैठक में कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को नसीहत दी है कि वे राजस्व संबंधी कार्यो के लिए पूर्व में कार्ययोजना तैयार कर कार्य करें। इसके साथ ही तहसीलदार माह में एक दिन गांवों में जाकर ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में शुरू होने वाली समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के पूर्व फौती, बंटाकन का कार्य पूर्ण कर लें। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग आमजन से सीधा जुड़ा हुआ है., इसलिए राजस्व अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए। पैतृक कृषि भूमि सह खातेदारों के मध्य भूमि विभाजन एवं लम्बित राजस्व मुकदमों में समझाईश एवं समझौते को बढ़ावा देना चाहिए। कलेक्टर सुश्री गांधी ने समीक्षा बैठक में कहा कि राजस्व अधिकारी शासन के कल्याणकारी योजनाओं के सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित करें। ताकि इसका लाभ लक्षित वर्गों को मिल सकें। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशानुरूप राजस्व विभाग के योजनाओं का क्रियान्वयन कर लक्ष्य समय पर पूरा करें। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की योजनाओं से पात्र हितग्राही लाभान्वित हो यह सुनिश्चित करें। समीक्षा सहित आम ग्रामीणों से जुड़े राजस्व प्रकरणों की विस्तार से जानकारी ली।
कलेक्टर ने नगरीय क्षेत्र में नजूल पट्टे की शासकीय भूमि का इच्छुक पात्र हितग्राहियों को गाइड लाइन अनुसार मालिकाना हक़ देने कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी अन्य कार्यों के साथ-साथ अपने मूल काम पर भी विशेष ध्यान दें। बैठक में अविवादित, विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यापवर्तन, वृक्ष कटाई के प्रकरण, डिजिटल हस्ताक्षरित खसरों की जानकारी, निजी खातेदार, सह खातेदार एवं आधार प्रवृष्टि, अभिलेख शुद्धता, नक्शा बटांकन, अनिवार्य भू अर्जन प्रकरण, स्वामित्व योजना, निःशुल्क बी-1 व खसरा वितरण, नजूल पट्टों का नवीनीकरण इत्यादि की समीक्षा तहसीलवार की गयी। कलेक्टर ने अधिकारियों को राजस्व सबंधी प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये।