नई दिल्ली । पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सोमवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इससे पहले वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं। पीएम आवास पर हुई इन बैठकों को सुरक्षा दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।
शीर्ष स्तर पर लगातार बैठकें, सेना को खुली छूट
लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक से पहले, पीएम मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे। सरकार ने सशस्त्र बलों को पलटवार के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने के लिए पूरी छूट दी है।
आतंकी हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति सक्रिय
पहलगाम हमले के अगले ही दिन सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद की रणनीति पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि हमले के दोषियों और साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा मिलेगी।
पाकिस्तान को सख्त संदेश, सिंधु जल संधि स्थगित
सरकार ने पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए सख्त चेतावनी दी है। कार्रवाई के तहत सिंधु जल संधि को भी स्थगित कर दिया गया है और अन्य प्रतिबंधों पर काम चल रहा है।
विपक्ष का समर्थन, सर्वदलीय बैठक में एकजुटता
सरकार ने पहलगाम हमले के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विपक्षी दलों ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई में सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही। CCS की ब्रीफिंग में बताया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनाव और विकास को पटरी से उतारने की साजिश का हिस्सा था।