सामाजिक संगठनों, संस्थानों और मीडिया को अंगदान मिशन से जोड़ने की ज़रूरत

 

नई दिल्ली। देश में अंगदान करने वालों की संख्या में बीते पांच वर्षों के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2020 में जहां लगभग 6812 लोगों ने अंगदान किया था, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर लगभग 17,000 तक पहुँच चुकी है। इसी अवधि में अंग प्रत्यारोपण की संख्या भी लगभग 7443 से बढ़कर 18,910 हो गई है। यह जानकारी शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल के उत्तर में दी।

रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में अंग और ऊतक बैंकों के संचालन का गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर देश में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इस दिशा में और ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। अंगदान से जुड़ी सूचनाओं की सुगमता, पारदर्शिता और अंगों के त्वरित व वैज्ञानिक ढंग से उपयोग के लिए व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाना चाहिए।

सांसद अग्रवाल ने सरकार से मांग की कि अंगदान के महत्व को लेकर देशभर में व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पुण्य कार्य से जुड़ सकें।

इसके जवाब में मंत्री जाधव ने बताया कि अंग प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO), क्षेत्रीय (ROTTO) और राज्य स्तरीय संगठन (SOTTO) के माध्यम से लगातार प्रयास कर रही है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि

दान किए गए अंगों को रिट्रीवल के बाद तत्काल प्रत्यारोपित किया जाना चाहिए, जबकि केवल ऊतक ही बैंक में संरक्षित किए जाते हैं। देशभर में राज्य सरकारों द्वारा आवश्यकता अनुसार ऊतक बैंक स्थापित किए गए हैं, और सभी बैंक मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के तहत पंजीकृत हैं।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, अंगदान महादान है। यह न केवल एक व्यक्ति के जीवन को बचाता है, बल्कि समाज में मानवता और करुणा का संदेश भी देता है। सरकार के प्रयास सराहनीय हैं, परंतु इन्हें ज़मीनी स्तर पर पहुँचाने के लिए सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, और मीडिया को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

सांसद अग्रवाल ने सभी नागरिकों से अंगदान के संकल्प में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि इससे हम कई ज़िंदगियाँ बचा सकते हैं और अपने जीवन को भी सार्थक बना सकते हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post