रायपुर:उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी हिस्टोरिकली पिछड़ा वर्ग को सिर्फ एक वोट बैंक के रूप में देखती रही है। इस दृष्टिकोण में न केवल सामाजिक न्याय की कमी है, बल्कि यह नीतियों और योजनाओं के निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण विवाद उत्पन्न करता है। उनका कहना है कि यदि कांग्रेस वास्तव में पिछड़ा वर्ग के विकास के प्रति गंभीर होती, तो वह न केवल चुनावी लाभ के लिए उनके मतदाता आधार को उपयोग में लाती, बल्कि उनके लिए ठोस नीतियों और कार्यक्रमों की बात भी करती।
उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह केवल चुनावी समय में ही नहीं, बल्कि साल भर के बदलाव में भी देखा गया है कि कांग्रेस ने लगातार पिछड़ा वर्ग के मुद्दों को समझने और समाधान प्रदान करने में विफलता दिखाई है। यह आवश्यक है कि राजनीतिक पार्टियों को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाएं, न कि केवल चुनावी लाभ की दृष्टि से सोचें।
उन्हें यह भी बताते हुए सुना गया कि पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए व्यापक रणनीतियों की आवश्यकता है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में सुधार। सरकार ने विभिन्न योजनाओं और पहलों की शुरुआत की है, जो न केवल उनके आर्थिक हितों को सविधानिक रूप से मान्यता देती हैं, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति भी सुधारने की दिशा में कार्य कर रही हैं।
इस संदर्भ में, उप मुख्यमंत्री ने यह भी इंगित किया कि पिछड़ा वर्ग की असली समस्याओं को समझने के लिए आवश्यक है कि राजनीतिक नेतृत्व अपने कार्यों को केवल चुनावी मतों तक सीमित न रखे। इसके बजाय, यह महत्वपूर्ण है कि एक समग्र दृष्टिकोण के साथ उनके जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाने का प्रयास किया जाए।
इस प्रकार, उप मुख्यमंत्री अरुण साव का यह वक्तव्य स्पष्ट करता है कि राजनीतिक दलों को अपने दृष्टिकोण में विकास की वास्तविकता लाने के लिए अधिक जिम्मेदार और पारदर्शी होना चाहिए, ताकि पिछड़े वर्ग के लोग न केवल वोटरलिस्ट में स्थान पा सकें, बल्कि उन्हें विकास के वास्तविक अवसर भी मिल सकें।