रायपुर: बीते 18 जुलाई से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य ED की गिरफ्त में है । जिसके बाद आज अपने बेटे से मिलने बघेल पहुंचे थे । महज आधा घण्टे का समय उन्हें मिला था मुलाकात के लिए, लेकिन इस संक्षिप्त समय में भी भावनाएँ और विचार गहरे थे। भूपेश बघेल, जो छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, अपने बेटे चैतन्य से मुलाकात कर ईडी कार्यालय से बाहर निकले। उन्होंने बेटे को देखने के बाद जो कुछ कहा, उसमें न केवल पारिवारिक जुड़ाव, बल्कि एक विरासत की महत्ता भी झलक रही थी। उन्होंने अपने बेटे से कहा – "आज यदि तुम्हारे दादा जिंदा होते, तो निश्चित रूप से वे इस पल से बहुत खुश होते।" ये शब्द न केवल दादा की याद और उनके संघर्ष को उजागर करते हैं, बल्कि भूपेश के दिल में अपने परिवार और उनके संघर्षों के प्रति गहरी भावना भी व्यक्त करते हैं।
उन्होंने चैतन्य को याद दिलाया कि उनके दादा ने अपनी पूरी जिंदगी अन्याय के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ी है, और अब तुम्हारी बारी है कि तुम भी इस महत्वपूर्ण लड़ाई में शामिल हो। भूपेश ने विश्वास दिलाया कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में पूरी तरह से तुम्हारे साथ है, और हम सब इस चुनौती का सामना एकजुट होकर करेंगे।
चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद, भूपेश ने बताया कि सबसे पहले राहुल गांधी का कॉल आया, जो एक मजबूत साथी की भावना की पुष्टि करता है, और इसके साथ ही प्रियंका गांधी का कॉल भी था, जो परिवार के समर्थन का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा, "मैं आज रात दिल्ली रवाना हो रहा हूं क्योंकि मेरा कार्यक्रम पहले से तय था, और मैं 22 जुलाई को प्रदेश स्तरीय आंदोलन में शामिल होने जा रहा हूं।" इस बात से स्पष्ट है कि भूपेश बघेल केवल अपने परिवार के सदस्य नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नेता भी हैं जो अपने समुदाय और पार्टी के प्रति अपने कर्तव्यों को गंभीरता से लेते हैं।