16 वर्षीय बालिका के विवाह को समझाइश देकर प्रशासनिक टीम ने रोकवाया

सूरजपुर । कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशानुसार जिले में निरंतर बाल विवाह में रोक लगाई जा रही है । वर्तमान में ग्रामीणों ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को सूचना दी की ग्राम ऊँचडीह में 16 वर्षीय नाबालिग बालिका का बाल विवाह कराया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के निर्देश पर संयुक्त टीम ग्राम ऊँचडीह गई। 

बालिका का शैक्षणिक दस्तावेजों का परीक्षण किया गया। प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर बालिका 16 वर्ष 9 माह की निकली, बालिका और उसके परिजनों को समझाईस दी गई। समझाईस पर बड़ी मुस्किल से सभी मान गये जिसका पंचनामा कथन तैयार किया गया। विवाह कार्ड में लड़का पक्ष भी ग्राम नेवरा का पता चलने पर संयुक्त टीम लड़के के यहा गई । लड़के का उम्र तो सही पाया गया मगर वहॉं विवाह की पूरी तैयारी चल रही थी, लड़के को हल्दी लगा था,  मंडप सजा था। बालिका के घर क्षेत्र की पर्यवेक्षक दीपा बैरागी एवं ऑंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा जाकर समझाईस दिये थे। जिस कारण लड़की पक्ष विवाह नहीं करने का राजी थे, इसलिये मण्डप वगैरह नहीं लगाये थे न ही लड़की को हल्दी लगी थी और घर में मेहमान भी भरे हुये थे। सारी रस्मे की जा रही थी। लड़के के चाचा ने कहा कि हमारे भतीजे का उम्र हो गया है। हम सभी रस्म करेंगे। विवाद की स्थिति निर्मित होने लगी तब जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने समझाया कि अनावश्यक यह करने से कोई फायदा नहीं है। बालिका का उम्र नहीं हुआ है। आपके उपर कार्यवाही हो सकती है। तब जाकर घर वाले विवाह नहीं करने, बारात नहीं जाने को राजी हुये, इस आशय का भी पंचनामा तैयार किया गया।

कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, नायब तहसीलदार हीना मैडम, पर्यवेक्षक दीपा बैरागी, काउन्सलर जैनेन्द्र दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, चाईल्ड लाईन के क्वार्डिनेटर कार्तिक मजूमदार, शीतल सिंह ऑंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पवन धीवर, पुलिस चौकी बसदेई के पुलिस स्टॉफ उपस्थित रहे।


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