अम्बिकापुर। कलेक्टर विलास भोसकर की अध्यक्षता में गुरुवार को क्लेक्ट्रेट सभाकक्ष में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत नूतन कंवर भी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, और आदिवासी विकास विभाग के तहत भवन निर्माण में आरईएस के कार्यों की जानकारी ली। बैठक में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि शिक्षा विभाग के अंतर्गत आरईएस द्वारा 1036 भवनों में मरम्मत के कार्य और 40 अतिरिक्त भवन निर्माण किया गया है।
कलेक्टर भोसकर ने समीक्षा करते हुए कहा कि स्कूल भवनों का निर्माण कार्य बेहद गंभीरता से किया जाना चाहिए। उन्होंने बीते दिनों विभिन्न स्कूलों की छतों के क्षतिग्रस्त होने की खबर पर चर्चा कर नाराजगी जताते हुए आरईएस के अधिकारियों-कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य संपन्न कराने कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों का अन्य निर्माण एजेंसियों से भौतिक सत्यापन कराया जायेगा। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के साथ आपसी समन्वय करते हुए बीईओ और बीआरसी अपने क्षेत्र में स्कूल निर्माण कार्य पर गंभीरता से फोकस करें। बैठक में कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदाय करने की प्रक्रिया में बीईओ और बीआरसी की भी जिम्मेदारी तय की गई। उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर में डिस्मेंटल किए गए भवनों के मलबे को पंचायत के माध्यम से हटवाएं और परिसर को स्वच्छ बनाएं। उन्होंने सभी सब इंजीनियर को सख्त निर्देश दिए कि भवन निर्माण में छत ढलाई के काम के दौरान अनिवार्य रूप से स्वयं उपस्थित होकर काम का निरीक्षण करें और उसके फोटोग्राफ प्रस्तुत करें।
बैठक में कलेक्टर ने सभी विकासखंडों के बीईओ से चर्चा कर उनके क्षेत्र में के उन स्कूल भवनों को जानकारी ली जिनमें वर्तमान में मरम्मत और अतिरिक्त कक्ष की आवश्यकता है। उन्होंने सीईओ जिला पंचायत को सभी स्कूलों को सूचीबद्ध कर नियमानुसार एजेंसी निर्धारण करते हुए कार्य कराने के निर्देश दिए।
इसी तरह बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा आदिवासी विकास विभाग के तहत आरईएस से संबंधित विभिन्न निर्माण कार्यों की जानकारी ली। बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग डीपी नागेश, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक सिन्हा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जेआर प्रधान सहित खंड स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।