कोरबा। जिले के जर्जर हो चुके उचित मूल्य दुकानों का अब जीर्णोद्धार होगा। वनांचल क्षेत्र में संचालित 153 दुकानों को इसके लिए चिन्हित किया गया है। प्रत्येक दुकान के लिए जिला खनिज न्यास मद से 12.30 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। नए भवनों के निर्माण से पर्याप्त राशन भंडारण की सुविधा होगी।
40 हजार से भी अधिक हितग्राही परिवारों को सस्ता राशन पाने के लिए दुकान का बार-बार चक्कर काटना नहीं पड़ेगा। सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए जिले में 553 उचित मूल्य की दुकानों का संचालन हो रहा, इनमें 415 दुकानें ग्रामीण क्षेत्र में है। वहीं 138 दुकानाें का संचालन शहर में हो रहा है। राशन भंडारण के लिए कमोबेश शहरी क्षेत्र की दुकानों की स्थिति ठीक है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें आज भी किराए के भवन अथवा जर्जर भवनों में संचालित हो रहा।
कुदरी चिंगर, चिरईझुंझ, छातासरई, नकिया, देवपहरी आदि दूरस्थ वनांचल के ऐसे ग्राम पंचायत हैं, जहां प्रति दुकान पांच से छह सौ परिवार निर्भर हैं। दुकान में हितग्राही संख्या के अनुरूप राशन भंडारण के लिए जगह नहीं होने पर दो से तीन खेप में राशन की आपूर्ति की जाती है। समय पर भंडारण नहीं होने की वजह से दूर दराज के ग्रामीणों को अपना काम छोड़कर बार-बार राशन के लिए कतार लगानी पड़ती हैं। अव्यवस्था तब और भी अधिक विकट हो जाती है जब दो माह का राशन एक साथ भंडारित करना होता है और भवन के जर्जर होने की वजह से अनाज खराब का खतरा बना रहता है।
मानसून के लिए राशन भंडारण में होगी सुविधा नए भवन के अस्तित्व में आने से दूरस्थ गांवों के लिए एकमुश्त राशन भंडारण में सुविधा होगी। वर्षा काल शुरू होते ही रामाकछार उड़ान, साखो, मेरई तक राशन पहुंचाने में देरी होती है। अति वृष्टि से सड़क अथवा पुल के टूटने मार्ग बाधित हो जाता है। गांव के लोगों को निकटवर्ती दुकानों तक पैदल चलकर राशन लाना पड़ता है। नए राशन दुकानों में दो से तीन माह के राशन भंडारित करने की क्षमता होगी। हितग्राहियों के लिए आसानी होगी।