कोलकाता। पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने कहा कि ममता सरकार की वजह से अपराजिता बिल अभी पेंडिंग हैं. ममता सरकार ने बिल के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी है. टेक्निकल रिपोर्ट के बिना अपराजिता बिल को मंजूरी नहीं मिल सकती है.
राजभवन की तरफ गुरुवार (5 सितंबर) को जारी बयान कहा गया कि गवर्नर आनंद बोस ममता सरकार के इस रवैये से खुश नहीं हैं. ममता सरकार ने महिलाओं से जुड़े इस बिल को लेकर कोई भी तैयारी नहीं की है.
ममता सरकार पहले भी करती रही है ऐसा
पहले भी ममता सरकार ऐसा करती रही है. ममता सरकार ने पहले भी विधानसभा से पास हुए कई बिल की टेक्निकल रिपोर्ट राजभवन नहीं भेजी थी, जिस वजह से ये बिल पेंडिंग हो जाते हैं. ममता सरकार बाद में इसका आरोप राजभवन पर लगाती है.
3 सितंबर को ममता सरकार ने पेश किया था एंटी-रेप
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप-मर्डर के बाद राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे थे. पूरे राज्य में इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. जिसके बाद राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में 3 सितंबर को एंटी-रेप बिल पेश किया था.
इस बिल के अनुसार, पुलिस को 21 दिन में रेप केस की जांच पूरी करनी है. विधानसभा में बिल के पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा गया था. यहां से पास होने के बाद बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. यहां से मुहर लगने के बाद ही यह बिल कानून में बदल सकेगा.
साधा ममता सरकार पर निशाना
गवर्नर आनंद बोस ने इस बिल को आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश के बिल की नकल बताया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के बिल राष्ट्रपति के पास पहले ही पेंडिंग है. लोगो को धोखा देने के लिए ममता धरना-प्रदर्शनों में भाग ले रही हैं.