रायपुर,संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मौसमी बीमारियों की रोेकथाम और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश स्वास्थ्य महकमा और संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में मलेरिया, डायरिया, जनजनित बीमारी सहित मौसमी बीमारियों की जानकारी मिलने पर त्वरित रूप से स्वास्थ्य अमला स्वास्थ्य शिविर लगाकर प्रभावितों का उपचार करना सुनिश्चित करें। साय ने निर्देश दिए है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि मलेरिया, डायरिया सहित मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित कर सूचना मिलने पर प्रभावित क्षेत्रों को आवश्यक दवाओं के साथ त्वरित रूप से रवाना कर उपचार सुनिश्चित करे, जिससे संभावित जनहानि को बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री साय के निर्देशानुसार उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा गत दिवस कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम चिल्फी, झलमला और तरेगांव जंगल, सोनवाही का भ्रमण कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। उन्होंने ग्राम सोनवाही पहुंचकर ग्रामीणों सहित डायरिया पीड़ित परिवार के परिजनों से मुलाकात की और राज्य शासन से हर संभव दिलाने के लिए भरोसा दिलाया। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने ग्राम सोनवाही में गत दिवस हुई दो ग्रामीणों की आकस्मिक मृत्यु पर अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने ग्राम सोनवाही के आदिवासी बालक छात्रावास में बनाएं गए अस्थाई स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया और मरीजों से चर्चा की। उन्होंने चिकित्सकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि वनांचल सहित मैदानी क्षेत्रों में मौसमी बीमारी, डायरिया, उल्टी दस्त और जलजनित बीमारियों का संक्रमण ना हो इसके लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने की जरूरत है। उन्होंने कलेक्टर को वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाने और और मलेरिया, डायरिया सहित मौसमी बीमारियों के बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सुदूर वनांचल क्षेत्र चिल्फी, झलमला और तरेगांव जंगल के शासकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन डीएमफ़ से शीघ्र क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने वनांचल के सभी गांवो में स्वास्थ्य शिविर, जल स्त्रोतो का क्लोनिएशन कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि बोड़ला एसडीएम और सीएमएचओ को घर-घर पहुंच कर सर्वें करने के निर्देश दिए गए थे। सोनवाही में पांच ग्रामीणों की मौत अलग-अलग कारणों से और अलग-अलग जगह में हुई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएल राज ने बताया कि सोनवाही में डायरिया की सूचना मिली। सूचना मिलते ही पास के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला के चिकित्सक और स्वास्थ्य अमला 10 जुलाई को पहुंचकर गांव के आदिवासी बालक आश्रम छात्रावास में अस्थायी रूप से स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण का काम शुरू किया गया। दूसरे दिन 11 जुलाई को कलेक्टर के निर्देश पर जिला स्तर और चिल्फी के और अतिरिक्त स्वास्थ्य टीम को भेजकर ग्राम सोनवाही में तैनात किया गया।
सीएमएचओ डॉ राज ने बताया कि सोनसिंह अपने खेत से काम कर घर लौटा था, उन्होने अपने तबियत खराब होने की जानकारी अपने घर वालो को दी। इसके बाद उन्होने उल्टियां शुरू हुई और तीन से चार घंटे के दौरान उनकी घर पर ही मृत्यु हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक इसी प्रकार महिला फूलबाई की मृत्यु भी उल्टी से हुई। दो ग्रामीणों की अकास्मिक मृत्यु के बारे में ग्रामीणों से चर्चा की गई। जांच और पूछताछ के प्रथम दृष्टयता जहरीले मशरूम खाने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट अभी नहीं आई है, रिपोर्ट आने के बाद कारण स्पष्ट हो जाएगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अस्थाई स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया और उपचार कराने आए मरीजों से चर्चा की। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि ग्राम सोनवाही में 194 घर है, जिसकी कुल आबादी 580 है। इस गांव में 12 कुंआ और 02 हैंडपंप है। एक मितानिन भी कार्यरत है। उन्होंने बताया कि बीमारी के लक्षण मिलने पर गांव में लोगों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। 11 जुलाई को 194 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था, जिसमें 08 लोगों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उप स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया गया, इनमें 07 लोगों को मौसमी बुखार के लक्षण और 01 को उल्टी हो रही थी। इसी प्रकार 12 जुलाई को 144 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें 12 को मौसमी, सर्दी बुखार के लक्षण पाएं गए है, जिनकों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया है। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सभी मरीजों का बेहतर स्वास्थ्य उपचार करने के निर्देश दिए।